Kabir Gyan
Path to Satlok (our origin)
Pages
Home
साखी अंग
प्रासंगिकता
कबीर बीजक शबद
सतगुरु: तत्वदर्शी सन्त
कबीर परिचय
सतलोक
पाप पुण्य
पूर्ण परमात्मा
पूर्ण ब्रह्मः गीता प्रमाण
पूर्ण मोक्ष साधन
आत्मा ज्ञान : गीता
श्रीमद्भगवदगीता विधि साधना
कबीर दोहे
दुर्लभ मानुष जन्म
कर नैनो दीदार ...
शिवपुराण
पूर्ण परमात्मा एवं उनके साक्षी
Kabir
पाप पुण्य
कबीर
,
तीन लोक पिंजरा भया
,
पाप पुण्य दो जाल।
सभी जीव भोजन भये
,
एक खाने वाला काल।।
गरीब
,
एक पापी एक पुन्यी आया
,
एक है सूम दलेल रे।
बिना भजन कोई काम नहीं आवै
,
सब है जम की जेल रे।।
No comments:
Post a Comment
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
No comments:
Post a Comment